दिल्ली आकर हुई मेरी किडनी ठीक

नमस्कार, मेरा नाम रमेश वर्मा है और मैं उत्तर प्रदेश के मेरठ का रहने वाला हूँ। दो साल पहले मेरी किडनी हाई ब्लड प्रेशर की वजह से खराब हो गई थी, जिससे की मैं बीते कुछ सालों से ही परेशान चल रहा था। वैसे तो हम कभी भी किडनी की ओर कोई ध्यान नहीं देते क्योंकि हमे इसके महत्व के बारे में ज्यादा जानकारी ही नहीं होती। लेकिन जब यह खराब हो जाती है तो इसे फिर से ठीक करने में लोग अपनी हर संभव कोशिश करने में लग जाते हैं, लेकिन हर कोई इसे फिर से ठीक नहीं कर पाता, क्योंकि खराब हुई किडनी को फिर से ठीक कर पाना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे बहुत ही कम लोग है जिनकी किडनी खराब हो जाने के बाद एक बार फिर से ठीक हो जाती है और शायद मैं भी उन भाग्यशाली लोगो में शामिल था। मैंने अपनी खराब हुई किडनी को कैसे ठीक किया आज मैं आपको इसी बारे में बताने जा रहा हूँ।

मैं किडनी खराब होने के कई साल पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहा था, जिसको काबू करने के लिए मैं बहुत सी दवाएं भी लेता था और अपने खाने पीने का बहुत खास ख्याल रखता था, लेकिन फिर भी इसके कारण मेरी किडनी खराब हो गई।किडनी खराब होने के कई साल पहले मैं एक बार काफी ज्यादा बीमार पड़ गया था, उस दौरान मैंने ठीक होने के लिए काफी ज्यादा दवाएं ली थी। दवाओं से मैं तो ठीक हो गया लेकिन इससे मेरा ब्लड प्रेशर हाई हने लग गया , शुरुआत में तो मुझे इस बारे में कुछ पता नहीं चला लेकिन जैसे-जैसे समस्या बढती गई तब मुझे इस बारे में पता चला कि मेरा ब्लड प्रेशर हाई है। जब मुझे इस बारे में जानकारी मिली थी कि मुझे ब्लड प्रेशर की समस्या है तब से मैंने अपने डाइट का खास ख्याल रखना शुरू कर दिया था, ताकि मुझे दवाएं लेने की जरुरत ना पड़े, पर बढ़ती उम्र के साथ मुझे ब्लड प्रेशर के लिए दवाएं खानी शुरू करनी पड़ गई थी। दवाएं शुरू करने के बाद मैं अपने खाने पीने को लेकर काफी लापरवाह हो गया था जिसके कारण मेरा ब्लड प्रेशर अक्सर बढ़ा ही रहता था। मेरी लापरवाही के कारण डॉक्टर मुझे अक्सर किडनी खराब होने के बारे में बताते थे, लेकिन मैंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया और फिर वही हुआ जिसके बारे में डॉक्टर ने मुझे आगाह किया था।

Ayurvedic Treatment for Protein Loss in Urine

जब मेरी किडनी खराब हुई तब सबसे पहले मुझे पेशाब से जुड़ी समस्याएँ होनी लगी थी जिनको समझ पाना मेरे लिए मुश्किल था क्योंकि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसकी शुरुआत पेशाब में झाग बनने से हुई थी, मुझे अचानक से ही झागदार पेशाब आने लग गया था जिसपर मैंने कोई ध्यान नहीं दिया। इसके बाद झागदार पेशाब के साथ-साथ मेरे पेशाब का रंग बदलने लग गया था जो कि हल्के पीले से करीब लाल होता जा रहा था। इतना ही नहीं दो हफ्ते भर में मुझे पेशाब करते हुए जलन होने लगी थी और अब पेशाब पहले के मुकाबले काफी कम भी आने लग था। मैं इन समस्याओं को समझ ही नहीं पा रहा था और डॉक्टर की दवाओं से भी कोई आराम नहीं मिल रहा था। दवाओं से आराम मिलने के बजाय मेरे शरीर में सूजन भी आने लग गई थी जो कि लगातार बढ़ती जा रहा था। एक दिन जब मैं जिम से आया तो मैंने देखा कि मेरे पैरों में काफी सूजन आई हुई है जिसे देखकर लगा कि शायद जिम करने की वजह से ऐसा हुआ है, लेकिन मैं गलत था। मैंने सूजन दूर करने के लिए काफी मालिश की पर कोई फायदा तो मिला नहीं उल्टा सूजन पैरों के साथ-साथ चेहरे और कमर में भी आ गई।

पेशाब की समस्याओं के साथ-साथ पैरों में आई सूजन अब इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि अब मैं ठीक से चल भी नहीं पाता था। वहीं, ब्लड प्रेशर भी इन दिनों इतना ज्यादा हाई रहने लग गया था कि मुझे हमेशा चक्कर ही आते रहते थे और दिन में कई बार उल्टियाँ आ जाती थी। इस दौरान घर वालों ने मुझे एक दो डॉक्टर को दिखाया भी पर कोई खास आराम नहीं मिला। मेरी हालत हर दिन पहले से ज्यादा खराब होती जा रही थी जिसपर दवाओं का कोई असर नहीं हो रहा था। आखिर में जब मेरी हालत पहले के मुकाबले ज्यादा खराब रहने लगी तो घर वालों ने मुझे एक बड़े हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया। हॉस्पिटल में डॉक्टर ने मेरी कुछ जांच करने के बाद मुझे कई सारे टेस्ट करवाने के लिए कहा। मैंने उसी दिन डॉक्टर के बताए सभी टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें डॉक्टर को दिखाया। मेरी सभी रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि ब्लड प्रेशर हाई रहने की वजह से मेरी किडनी काफी ज्यादा खराब हो गई है और मुझे प्रोटीन लोस भी हो रहा है।डॉक्टर ने मुझे आगे बताया कि अब मुझे ठीक होने के लिए डायलिसिस करवाना होगा मैं फ़िलहाल इसी से ठीक हो सकता हूँ।

अपनी खराब हुई किडनी को जल्द ठीक करने की उम्मीद में मैंने डॉक्टर की बात मनाते हुए अगले दिन से ही डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया। जब मेरा पहला डायलिसिस हुआ तो उससे मुझे काफी तकलीफ हुई जिसको मैं सहन नहीं कर पाया। पर मुझे ठीक होना था जिसकी वजह से मैंने हिम्मत करते हुए आगे डायलिसिस को करीब पांच महीने तक चालू रखा जो कि हर हफ्ते दो बार हुआ करता था। शुरुआत में तो मुझे ऐसा लग रहा था कि मुझे इससे आराम मिलेगा पर ऐसा कुछ नहीं हुआ उल्टा इससे मेरी तबियत पहले के मुकाबले और ज्यादा खराब होती चली गई। हालत इतनी खराब थी कि मैं खुद अपने मरने की प्रार्थना करने लगा था पर भगवान ने अभी मुझे और जीने के लिए कहा था। एक दिन जब मैं अपने घर में आराम कर रहा था तो मेरा एक दूर का रिश्तेदार मुझसे मिलने आए और उन्होंने मुझे एक बार आयुर्वेदिक उपचार लेने की सलाह दी।

मेरे रिश्तेदार ने मुझे बताया कि दिल्ली में कर्मा आयुर्वेदा नाम से एक हॉस्पिटल है जहाँ बिना डायलिसिस किये ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जाता है और आपको एक बार तो यहाँ जरूर जाना चाहिए आपको आराम मिलेगा। मैंने उनके जोर देने पर उनकी बात मान ली और मैं कुछ ही दिनों में कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल आ गया जहाँ मेरी मुलाकात डॉ. पुनीत धवन से हुई। मैंने उनको अपनी सभी रिपोर्ट्स दिखाई जिन्हें देखने के बाद उन्होंने मुझे बताया कि आपकी किडनी अब बड़े आराम से ठीक हो जायगी बस समय से आयुर्वेदिक दवाएं लेनी होगी और खाने पीने का खास ख्याल रखना होगा। मैंने घर आते ही डॉ. पुनीत धवन की दी हुई आयुर्वेदिक दवाएं लेनी शुरू कर दी और उनका दिया हुआ डाइट प्लान भी फॉलो करना शुरू कर दिया, जिससे मुझे अपने अंदर कुछ ही दिनों में सुधार नज़र आने लग गये। मैंने महसूस किया कि मुझे पेशाब खुल कर आने लगा है और शरीर में सूजन भी कम हो रही है, इससे मैं काफी खुश हुआ अब मुझे लगने लगा था कि अब मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा और हुआ भी ऐसा ही। डॉ. पुनीत धवन की आयुर्वेदिक दवाओं की वजह से मैं मात्र पांच महीने में ही ठीक हो गया और आज एक स्वस्थ जीवन जी रहा हूँ।

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